Ayodhya Ram mandir opening
Ayodhya Ram mandir opening का दिन एक चर्चा का विषय बना हुआ है जो की 22 जनवरी 2024 को बहुत ही बड़े दिन के रूप में मनाया जाएगा क्योंकि 22 जनवरी 2024 कोayodhya ram mandir ki opening की जाएगी। इसी के चलते भारतीय जनता के मन में कई प्रकार के सवाल अपनी जगह बनाए हुए बैठे हैं जिनकी वजह से लोगों को पूर्ण जानकारी नहीं मिल पा रही है। Ayodhya Ram mandir opening भारतीय जनता के लिए एक बहुत ही धार्मिक तथा उत्कृष्ट दिवस के रूप में मनाया जाएगा क्योंकि इस दिन श्री राम जी की मूर्ति को राम मंदिर में रखा जाएगा जिसका भारत के एक-एक व्यक्ति को बेसब्री से इंतजार है।कौन-कौन सी भारतीय हस्तियां होंगी शामिल राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में–
इस सवाल को लेकर भारतीय जनता के मन में बहुत ही दुविधा जनक स्थिति बनी हुई है क्योंकि सभी को इस सवाल को लेकर एक अलग ही प्रकार का उत्साह है कि कौन-कौन राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होगा?
आईये हम जानते हैं कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में भारतीय नेता अर्थात बड़ी-बड़ी हस्तियां शामिल होने वाली है-
1.नंबर एक पर आते हैं हमारे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिन्होंने भारत के विकास में बहुत ज्यादा सहायता की है तथा भारत को एक विकासशील देश बनाने में मदद की है
2. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ
3. तिब्बती दलाई ला
4.गौतम अडानी
5. रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी
6. टाटा कंपनी के मालिक रतन टाटा
7.पतंजलि के योग्य गुरु बाबा रामदेव जी
8.अरुण गोविल
9. कृष्ण भारद्वाज
10.क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर व विराट कोहली तथा इनके अलावा 470 संत इस पावन अवसर पर शामिल होंगे।
आईये हम जानते हैं कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में भारतीय नेता अर्थात बड़ी-बड़ी हस्तियां शामिल होने वाली है-
1.नंबर एक पर आते हैं हमारे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिन्होंने भारत के विकास में बहुत ज्यादा सहायता की है तथा भारत को एक विकासशील देश बनाने में मदद की है
2. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ
3. तिब्बती दलाई ला
4.गौतम अडानी
5. रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी
6. टाटा कंपनी के मालिक रतन टाटा
7.पतंजलि के योग्य गुरु बाबा रामदेव जी
8.अरुण गोविल
9. कृष्ण भारद्वाज
10.क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर व विराट कोहली तथा इनके अलावा 470 संत इस पावन अवसर पर शामिल होंगे।
राम मंदिर के बारे में कुछ अद्वितीय बात
राम मंदिर अयोध्या भारत में स्थित है और श्री राम को समर्पित है इसे राम जन्मभूमि के रूप में जाना जाता है मंदिर निर्माण अयोध्या के विवादित स्थान पर हुआ जिसमें पहले बाबरी मस्जिद थी जो 1992 में तोड़ी गई थी 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इस स्थान पर हिंदुओं के लिए राम मंदिर बनाने का आदान-प्रदान किया
राम मंदिर की कुछ ऐसी बातें हैं जो भारतीय जनता में से बहुत से लोगों को पता ही नहीं है जैसे की राम मंदिर की लंबाई 380 फीट चौड़ाई 250 फीट तथा ऊंचाई 161 फीट जो की तीन मंजिला होने वाली है जिसमें 392 कमरे तथा 44 द्वारा का निर्माण किया जाएगा अर्थात राम मंदिर के नीचे एक खास चट्टान का निर्माण किया गया है।
सुरक्षा के लिए व्यवस्था–
Ayodhya Ram mandir opening के लिए 22 जनवरी 2024 को कुछ खास ही तरीके की सुरक्षा व्यवस्था की गई है जिनमें स्पेशल आई कैमरे का उपयोग किया जाएगा तथा उत्तर प्रदेश की पुलिस के द्वारा 200 जवानों की तैनाती लगाई गई है तथा special training के साथ कमांडो तैनात किए गए हैं।इनको हर परिस्थिति के लिए सावधान किया गया है तथा उनकी नजर में कुछ मुख्य स्थान रहेंगे जैसे लता मंगेशकर चौक, बिना चौक तथा अन्य मुख्य रास्ते।
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क्या Ayodhya Ram mandir opening के दिन संपूर्ण भारतीय कार्यालय का अवकाश रहेगा?
अभी तक सभी भारतीयों के मन में एक ही सवाल जगह बनाए बैठा है कि 22 जनवरी 2024 को Ayodhya Ram mandir opening के दिन संपूर्ण राष्ट्र का अवकाश रहेगा या नहीं? अभी तक सरकार का इस मामले में कोई फैसला नहीं आया है लेकिन यह पूरी तरह भारतीय जनता के हित में ही रहेगा।
राम मंदिर का अतीत –
राम मंदिर का अतीत भारतीय सांस्कृतिक और इतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। इसका अतीत बहुत दिनों तक विकसित हुआ है और यह कुछ मुख्य घटनाओं के चलते महत्वपूर्ण है:
- रामायण कल: राम मंदिर का अतीत मुख्य रूप से "रामायण" महाकाव्य के काल से जुड़ा है, जिसमें भगवान राम का वर्णन है और उनका अयोध्या में राज्याभिषेक हुआ था.
- बाबर का अधिकार: 1528 में, बाबर ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद बनवाई थी, जिसमें हिंदू धर्मस्थल पर मस्जिद बनाने की घटना हुई।
- राम मंदिर आंदोलन: 1992 में, राम मंदिर के स्थान पर बाबरी मस्जिद को गिराया गया, जिससे एक बड़ा राम मंदिर निर्माण का आंदोलन आरंभ हुआ।
- सुप्रीम कोर्ट का निर्णय: 2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर-बाबरी मस्जिद के विवाद पर निर्णय दिया, जिसमें राम मंदिर के लिए जगह आवंटित की गई।
ये घटनाएं राम मंदिर के अतीत को मोल देती हैं और इसका महत्व सार्वजनिक जीवन में बना रहता है।